मुझको सच ही कहना है
स्वरचित (अनुभूति)
हमको तो सच ही कहना है
पराभव का भाव हृदय से
कोसो दूर करना है
हमको तो सच ही कहना है
नही जानता चाटुकारी
नही किया कभी बेगारी
स्वाभिमान संग रहना है
हमको सच ही कहना है
मुझको कोई जीत सका तो
मन से मैने हार न मानी
तुम कहते हो विजयी है
हो गयी पूरी बेइमानी
सच कहते नही थकना है
हमको सच ही कहना है
मेेरी कोई कामना नही है
जो मै नही लोग वो माने
श्रेष्ठ नही कहता खुद को
कभी भूलकर जाने अंजाने
केवल साधारण रहना है
हमको सच ही कहना है
जिसने मुझको कमतर माना
उसने सही मुझे पहचाना
तुम ही महान रहो जग मे
मुझे श्रेष्ठ न बनना है
हमको सच ही कहना है
क़ोई कहता मेरे आगे क्या है औकात
मै कहता श्रीमान जी सही कह रहे बात
तुम हो विजयी सदा सबल
मुझको कमतर ही रहना है
पर मुझको सच ही कहना है
विन्ध्यप्रकाश मिश्र
नरई संग्रामगढ प्रतापगढ