स्त्रियां मुखालिफ(दुश्मन) होती हैं..
दिन है तो रात भी ..
खुशी है तो गम भी..
अच्छाई है तो बुराई भी..
गर फूल हैं तो कांटों..
का होना लाजमी है ..
वैसे ही ,कुछ.. स्त्रियां मुखालिफ(दुश्मन) होती हैं..
जो निगाह निगल लेती है ..
उनके अहबाब (दोस्त).., ख्वाब ,खुशी, ख्वाहिशों को
उनसे छीन लेती हैं मुस्कुराने का सबब बेइंतहा दर्द और बेइंतिहा
ख़लिस,ख़लिश से ख्वार,खुश्क
कर देती आशियां ..✍️अश्रु
(ख्वार_बेकार),(खुश्क_सुखा)
(ख़ालिस_शुद्ध),(ख़ालिश _चुभन)
(मुखालिफ_दुश्मन),
(अहबाब _दोस्त)..,