Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2017 · 1 min read

मुक्त करो

आगे बढ़ना हमारी फितरत है ,
नाकामी हम जानते नहीं ,,
फिर भी कुछ मुद्दों पर
हम फेल हो गए
यह फेल होना हमारे लिए …
सबक बन गया …
हम आसमां से धरती पर गिर गए
गिरे ऐसे की उठते-उठते
लग जाएंगे महीनों …
इन महीनों को ,
हमें बदलना होगा,,
असफलता में नहीं,
बल्कि सफलता में ,,
हमें बनानी होगी एक पहचान
जो हो सबसे अलग
सबसे जुदा …
दिखा देंगे हम लोगों को
कुछ करके ऐसा काम
जो वह कभी नहीं कर सकते
हमें करना होगा
समाज को दहेज से मुक्त ,
कुर्तियों से मुक्त ,
आपसी कलह से मुक्त ,
अपनी खुद की बुराइयों से मुक्त ,
एक दूसरे को नीचा दिखाने से मुक्त,
छोटों का बड़ों के प्रति आदर ना होने से मुक्त ,
क्षेत्रीय राजनीति से मुक्त ,
अशिक्षा से मुक्त
तब होगा हर इंसान
अपने अंदर के राक्षस से मुक्त !!
शक्तिशाली ,गौरवशाली ,
देश प्रेम से परिपूर्ण श्री रामचंद्र
✍चौधरी कृष्णकांत लोधी नरसिंहपुर मध्य प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल की बात बताऊँ कैसे
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
क्रोटन
क्रोटन
Madhavi Srivastava
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
DrLakshman Jha Parimal
कजरी
कजरी
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Manu Vashistha
खो गई जो किर्ति भारत की उसे वापस दिला दो।
खो गई जो किर्ति भारत की उसे वापस दिला दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
तुम ख्वाब हो।
तुम ख्वाब हो।
Taj Mohammad
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
★क़त्ल ★
★क़त्ल ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
कैसे यकीन करेगा कोई,
कैसे यकीन करेगा कोई,
Dr. Man Mohan Krishna
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
Sanjay ' शून्य'
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
भूल कर
भूल कर
Dr fauzia Naseem shad
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
surenderpal vaidya
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"तकलीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Loading...