मुक्तक
नशा हर चीज़ में था पर मुझे पीना नहीं आया ।
सलीके से कभी ऐ जिन्दगी जीना नहीं आया।
मुसीबत रोज़ आ करके खुशी हर चाक कर देती,
रफू ही कर रहा बैठा कभी सीना नहीं आया।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
नशा हर चीज़ में था पर मुझे पीना नहीं आया ।
सलीके से कभी ऐ जिन्दगी जीना नहीं आया।
मुसीबत रोज़ आ करके खुशी हर चाक कर देती,
रफू ही कर रहा बैठा कभी सीना नहीं आया।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय