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4 Jun 2018 · 1 min read

मुक्तक

हर ख्वाब उजालों का सहर ढूंढता है!
हर शख्स ख्यालों में दिलबर ढूंढता है!
रास्ते रुकते नहीं हैं मंजिल के मगर,
अंजाम कोशिशों का असर ढूंढता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
377 Views
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