मुक्तक
मुबारक बाद हो सबको,
नया ये साल आया है।।
बहक ना जाऊँ मंजिल से,
दौर बेमिसाल आया है।।
लगी है आग नफरत की,
जमाना भी है मतलव का।।
रहे आशीष गुरुवर का,
ये सेवक आस लाया है ||
प्रमोद रघुवंशी
मुबारक बाद हो सबको,
नया ये साल आया है।।
बहक ना जाऊँ मंजिल से,
दौर बेमिसाल आया है।।
लगी है आग नफरत की,
जमाना भी है मतलव का।।
रहे आशीष गुरुवर का,
ये सेवक आस लाया है ||
प्रमोद रघुवंशी