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28 May 2016 · 1 min read

मुक्तक

दिल का वो एक कोना, अब तक पडा़ है खाली
पत्ते हैं झड़ गए सब, सूनी पडी़ है डाली
मुमकिन नहीं तुम्हारी, यादों को भूल जाना
तुम बिन है सूनी होली, सूनी ही थी दिवाली ।
By : MUKESH PANDEY

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 403 Views

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