मुक्तक
सुखन के नाम से ही बज़्म की रवानी है
सुखन के नाम से ही आशिकों के मानी है
ज़हन में आजतक वो ज़ौक का नज़ारा है
सुखन के नाम से ही मीर की कहानी है
सुखन के नाम से ही बज़्म की रवानी है
सुखन के नाम से ही आशिकों के मानी है
ज़हन में आजतक वो ज़ौक का नज़ारा है
सुखन के नाम से ही मीर की कहानी है