मुक्तक
गाँव के घरों में अब ताले नज़र आते हैं
जंगल के जानवर रखवाले नज़र आते हैं
बसर हो रहा है इन सड़ी गलियों का…
एक ही कमरे में घरवाले नज़र आते हैं
✍#बृजपाल सिंह
गाँव के घरों में अब ताले नज़र आते हैं
जंगल के जानवर रखवाले नज़र आते हैं
बसर हो रहा है इन सड़ी गलियों का…
एक ही कमरे में घरवाले नज़र आते हैं
✍#बृजपाल सिंह