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28 Aug 2017 · 1 min read

मुक्तक

क्यों सामने हो तुम मगर दूरी बरकरार है?
दरमियाँ रिवाजों की मजबूरी बरकरार है!
बेखौफ़ तमन्नाऐं घेर लेती हैं मुझको,
तेरी आरजू दिल में अधूरी बरकरार है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
242 Views
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