मुक्तक
जो आती है लबों पर बात तुम वही तो हो!
जो तड़पाती है मुलाकात तुम वही तो हो!
ठहरी हुई है आग अभी चाहत की दिल में,
जो जागी हुई है हर रात तुम वही तो हो!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
(#मात्रा_भार_25)
जो आती है लबों पर बात तुम वही तो हो!
जो तड़पाती है मुलाकात तुम वही तो हो!
ठहरी हुई है आग अभी चाहत की दिल में,
जो जागी हुई है हर रात तुम वही तो हो!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
(#मात्रा_भार_25)