मुक्तक
तेरे हुस्न का मैं अफसाना लिए रहता हूँ!
तेरे प्यार का मैं नजराना लिए रहता हूँ!
मैं रोक नहीं पाता हूँ यादों का कारवाँ,
तेरे दर्द का मैं गमखाना लिए रहता हूँ!
#महादेव_की_कविताऐं
तेरे हुस्न का मैं अफसाना लिए रहता हूँ!
तेरे प्यार का मैं नजराना लिए रहता हूँ!
मैं रोक नहीं पाता हूँ यादों का कारवाँ,
तेरे दर्द का मैं गमखाना लिए रहता हूँ!
#महादेव_की_कविताऐं