वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का खेल।
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
समझ आये तों तज्जबो दीजियेगा
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to