माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा।
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
चाहे मेरे भविष्य मे वह मेरा हमसफ़र न हो
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है।
इश्क में तेरे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर