मुक्तक
मुक्तक
गई खबरिया लाने खों
भौजी भैया बाप मताई सब की सुध बुध लाने खों
आठ दिना की गई मायके अपनी धौंस जमाने खों
कह गई थी बस सांझ सकारे आ जेहों भुंसारे खों
बनाके टिक्कड़ चढ़ा महेरी फिर जावत मैं हारे खों
कृष्णकांत गुर्जर
मुक्तक
गई खबरिया लाने खों
भौजी भैया बाप मताई सब की सुध बुध लाने खों
आठ दिना की गई मायके अपनी धौंस जमाने खों
कह गई थी बस सांझ सकारे आ जेहों भुंसारे खों
बनाके टिक्कड़ चढ़ा महेरी फिर जावत मैं हारे खों
कृष्णकांत गुर्जर