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24 Sep 2022 · 1 min read

मुक्तक

चार दिन की जिन्दगी
गुजार सके तो सुकून से गुजार

जिन्दगी का फ़लसफ़ा है
जहां खुशियाँ हैं कम , गम हैं हज़ार

Language: Hindi
4 Likes · 196 Views
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