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3 Nov 2021 · 1 min read

मुक्तक

सच है अब तादाद बहुत गद्दारों की
घुसपैठी,दंगाइयों और मक्कारों की,
मज़हब की आड़ में छिपके बैठें जो
है आतंकी पैदाइश उन्हीं हज़ारों की,,

Language: Hindi
1 Like · 210 Views
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