मुक्तक
झलक ही देखो तो कैसे जौहर ताप बताती है,
वीरों की वीरता को, पापियों के पाप बताती है
गद्दारो की कमी न थी कल भी अपने खेमो में
आस्तीन में पले डंसे,फिर कैसे साँप बताती है
झलक ही देखो तो कैसे जौहर ताप बताती है,
वीरों की वीरता को, पापियों के पाप बताती है
गद्दारो की कमी न थी कल भी अपने खेमो में
आस्तीन में पले डंसे,फिर कैसे साँप बताती है