मुक्तक
कभी आप ग़म में भी मुस्कुराना सीखिए,
ख़्वाब बुनके पलकों पर सजाना सीखिए,
बस दिखावे के लिए हाथ मिलाना है क्या
दिल से अपना दिल भी मिलाना सीखिए,,
कभी आप ग़म में भी मुस्कुराना सीखिए,
ख़्वाब बुनके पलकों पर सजाना सीखिए,
बस दिखावे के लिए हाथ मिलाना है क्या
दिल से अपना दिल भी मिलाना सीखिए,,