मुक्तक
1.
जब अतिथि सत्कार होने लगे
जब गरीबों पर दया की जाने लगे
जब भिक्षुक भोजन पाने लगें
समझो मानवता अपने शिखर पर है
2.
जब अतिथि सत्कार होने लगे
जब गरीबों पर दया की जाने लगे
जब भिक्षुक भोजन पाने लगें
समझो मानवता अपने शिखर पर है
1.
जब अतिथि सत्कार होने लगे
जब गरीबों पर दया की जाने लगे
जब भिक्षुक भोजन पाने लगें
समझो मानवता अपने शिखर पर है
2.
जब अतिथि सत्कार होने लगे
जब गरीबों पर दया की जाने लगे
जब भिक्षुक भोजन पाने लगें
समझो मानवता अपने शिखर पर है