” मुक्तक “
मैं हवा हूं, हवा में बिखर जाऊंगा,
बन के ख़ुशबू चमन से गुज़र जाऊंगा,
राह में आए लाखों बलाएं मगर,
बन के धड़कन मैं दिल में उतर जाऊंगा।
एस.बी. मधुर
मैं हवा हूं, हवा में बिखर जाऊंगा,
बन के ख़ुशबू चमन से गुज़र जाऊंगा,
राह में आए लाखों बलाएं मगर,
बन के धड़कन मैं दिल में उतर जाऊंगा।
एस.बी. मधुर