Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

हों सजग हम, यही सबको बताना है,
करो मजबूत खुद को.यह दिखाना है |
हर समय उत्तम समय आता नहीं है,
समय को ही हमें उत्तम बनाना है |

बारम्बार प्रयास करो तो, मिले सफलता,
चिंता और निराशा छोडो, गई विफलता.
असफलता से विमुख न हो,संघर्ष करोतुम,
जब अवसर अनकूल,प्रगतिपर जीवनचलता |

Language: Hindi
517 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम : तेरे तालाश में....!
प्रेम : तेरे तालाश में....!
VEDANTA PATEL
निकल पड़ो कभी ऐसे सफर पर भी
निकल पड़ो कभी ऐसे सफर पर भी
Chitra Bisht
2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मतदाता को चाहिए, दे सशक्त सरकार (कुंडलिया)*
*मतदाता को चाहिए, दे सशक्त सरकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
Shiva Awasthi
इतने दिनों के बाद
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
चिंता अस्थाई है
चिंता अस्थाई है
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
गुजरा ज़माना
गुजरा ज़माना
Dr.Priya Soni Khare
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
SHAMA PARVEEN
........,?
........,?
शेखर सिंह
ज़िंदगी में अपना पराया
ज़िंदगी में अपना पराया
नेताम आर सी
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
" मृत्यु "
Dr. Kishan tandon kranti
"होली है आई रे"
Rahul Singh
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
शक्तिशाली
शक्तिशाली
Raju Gajbhiye
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
Subhash Singhai
भाई
भाई
Kanchan verma
बंदगी करना हमने कब की छोड़ दी है रईस
बंदगी करना हमने कब की छोड़ दी है रईस
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"विजयादशमी"
Shashi kala vyas
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
Ranjeet kumar patre
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
पूर्वार्थ
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
Loading...