Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2020 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
212 212 212 212
रात ख्वाबों में वो मुस्कराते रहे ।
मीठे सपने मुझे रात आते रहे।
सुबह पूछे सबब देर में क्यों उठा,
बोला सपने मुझ यूँ लुभाते रहे।

वो मुझे देखकर मुस्कराती रही।
मैं न समझा मुझे वो बुलाती रही।
एक दिन मैंने कहा आपसे प्यार है,
फिर तो नज़रे वो मुझ से चुराती रही।

-अभिनव मिश्र✍️

Language: Hindi
499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
3719.💐 *पूर्णिका* 💐
3719.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
व्यवहारिक नहीं अब दुनियां व्यावसायिक हो गई है,सम्बंध उनसे ही
व्यवहारिक नहीं अब दुनियां व्यावसायिक हो गई है,सम्बंध उनसे ही
पूर्वार्थ
असल......सच यही है
असल......सच यही है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"सरस्वती बंदना"
राकेश चौरसिया
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
होली पर
होली पर
Dr.Pratibha Prakash
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
Ravi Betulwala
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
"सृजन"
Dr. Kishan tandon kranti
नीव मजबूत नही होती अगर
नीव मजबूत नही होती अगर
Harinarayan Tanha
सुन मानसून ! सुन
सुन मानसून ! सुन
Ghanshyam Poddar
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
Sahil Ahmad
दीपक सरल के मुक्तक
दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
श्री अन्न : पैदावार मिलेट्स की
श्री अन्न : पैदावार मिलेट्स की
ललकार भारद्वाज
Let love shine bright
Let love shine bright
Monika Arora
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
ठूंठ
ठूंठ
AWADHESH SINHA
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
Pratibha Pandey
आदमी
आदमी
Dr. Bharati Varma Bourai
****माता रानी आई ****
****माता रानी आई ****
Kavita Chouhan
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम रात को रात और सुबह को सुबह कहते हो
तुम रात को रात और सुबह को सुबह कहते हो
Jyoti Roshni
जब  तक  साँसें  चलती  है, कोई  प्रयत्न  कर  ले।
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...