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16 Sep 2020 · 1 min read

मुक्तक

दर्द सीने में समां बनकर जलने लगे है,आंखो से अश्क गम के झरने लगे है
जिंदा तो हूं पर जिंदगी रूठी रूठी लगती है,मेरे अपने ही मुझे छलने लगे है

Language: Hindi
6 Likes · 471 Views
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