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26 Jul 2020 · 1 min read

मुक्तक

महत्वाकांक्षाओं के आगोश में है
अभी तो वो जवानी के जोश में है ।
जाने कब लेगा सबक कहानी का
वो राज जो कछुए-खरगोश में है ।
-अजय प्रसाद

सियासी उठा पटक जारी है
जनता इसके लिए आभारी हैं ।
जरुर कुछ बेहतर होने वाला है
क्योंकि मामला अब सरकारी है
-अजय प्रसाद

आशिक़ी से मुझे कोई नफ़रत नहीं है
हाँ ज़िस्मानी प्यार की ज़रूरत नहीं है ।
रूह अगर हो रज़ामंद हो पास आना
वरना दिल अपना कहीं और लगाना ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 506 Views
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