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22 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

अपने हाथों को धोउं या रहने दूं
रात ख्वाब में उस ने इसे छुआ था
पलट कर देखती मैं जब तक यार को
बुलाहट उसको दूसरी तरफ़ से हुआ था…?
/
जो छूटा है उसे दिलों जां से जी
यार की दी हुई चीज है
अरे नांदा जरा मुस्कुरा के जी…
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 200 Views
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