मुक्तक
जिंदगी ने दी नहीं
हम ने पलट कर ली नहीं
एक कतरा जिंदगी अपने लिए
हम ने जब भी अपनी खुशी देखी
अपनों को खुशी मेरी देखी गई नहीं
हम भटके खुद में खुद में ही अटक गए,
देखते देखते ही सब को हम खटक गए
~ सिद्धार्थ
जिंदगी ने दी नहीं
हम ने पलट कर ली नहीं
एक कतरा जिंदगी अपने लिए
हम ने जब भी अपनी खुशी देखी
अपनों को खुशी मेरी देखी गई नहीं
हम भटके खुद में खुद में ही अटक गए,
देखते देखते ही सब को हम खटक गए
~ सिद्धार्थ