मुक्तक
मांगा है जिन्दगी ने हिसाब कई बार
मैंने देखा ख़्वाब में भी ख़्वाब कई बार,
खुशी तो कर सकीं न मेरे दिल को कभी खुश
ग़म ने मगर किया है लाजवाब कई बार।
मांगा है जिन्दगी ने हिसाब कई बार
मैंने देखा ख़्वाब में भी ख़्वाब कई बार,
खुशी तो कर सकीं न मेरे दिल को कभी खुश
ग़म ने मगर किया है लाजवाब कई बार।