मुक्तक
तेरे बिन ये जिंदगी जल में भी प्यासी लगे,
सँग हो जब तू अमावस भी पूरन मासी लगे,
तेरे मिलने से मिला है मुझे सारा जहां
भोर मथुरा सी हुई हर शाम अब काशी लगे…
तेरे बिन ये जिंदगी जल में भी प्यासी लगे,
सँग हो जब तू अमावस भी पूरन मासी लगे,
तेरे मिलने से मिला है मुझे सारा जहां
भोर मथुरा सी हुई हर शाम अब काशी लगे…