Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे

वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
कहाँ तलक वो रास्तों में कांटे बिछाएंगे
मैं चलता रहूँगा इन पर बेपरवाहों की तरह
कम से कम उनके कलेजे तो ठंडे हो जाएंगे

2 Likes · 102 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

मैंने क़ीमत
मैंने क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
दुष्ट कभी भी बाज़
दुष्ट कभी भी बाज़
RAMESH SHARMA
"उम्मीद का दीया"
Dr. Kishan tandon kranti
"वाणी की भाषा": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
F
F
*प्रणय*
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शुभ प्रभात
शुभ प्रभात
Rambali Mishra
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
"नींद नहीं आती है"
राकेश चौरसिया
चीर हरण
चीर हरण
Dr.Pratibha Prakash
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Isn't it strange how some friendships
Isn't it strange how some friendships
पूर्वार्थ
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
भरत कुमार सोलंकी
आज का रावण
आज का रावण
Sanjay ' शून्य'
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
Jyoti Roshni
जासूस दोस्त
जासूस दोस्त
Kshma Urmila
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इंडिया !! भारत से मिलवाता हूँ|
इंडिया !! भारत से मिलवाता हूँ|
Mahendra singh kiroula
- मेरा जीवन हो गया अब पूर्णत साहित्य को समर्पित -
- मेरा जीवन हो गया अब पूर्णत साहित्य को समर्पित -
bharat gehlot
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
इश्क़ की भूल
इश्क़ की भूल
seema sharma
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
अमित
Loading...