मुक्तक
जहाँ देखो वहीं पर चल रहा रफ्तार का झगड़ा,
यहाँ तो मुद्दतों से चल रहा प्रतिकार का झगड़ा,
कोई बेबाक बोलता रहा सब कुछ बिना सोचे,
कोई खामोशियों से लड़ रहा इज़हार का झगड़ा,
जहाँ देखो वहीं पर चल रहा रफ्तार का झगड़ा,
यहाँ तो मुद्दतों से चल रहा प्रतिकार का झगड़ा,
कोई बेबाक बोलता रहा सब कुछ बिना सोचे,
कोई खामोशियों से लड़ रहा इज़हार का झगड़ा,