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16 Jul 2019 · 1 min read

मुक्तक

अश्क खारे लहू लाल सबका यहां,
अजनबी है यहाँ सख्स कोई कहां,
दर्द का दर्द से दर्द तक का सफ़र,
इक किस्सा है सब एक जैसा जहां

Language: Hindi
187 Views
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