मुक्तक
आँचल को आँचल की छाया,
सदा सुहानी सुगम सुखद हो।
माँ बेटी के जीवन पथ की,
डगर सहज और निष्कंटक हो।
मन अ’शोक जीवन की सरिता,
कल-कल प्रखर मृदुल शीतल हो।
खुशियाँ हों जीवन में जग की,
मेरा यह आशीष अटल हो…
आँचल को आँचल की छाया,
सदा सुहानी सुगम सुखद हो।
माँ बेटी के जीवन पथ की,
डगर सहज और निष्कंटक हो।
मन अ’शोक जीवन की सरिता,
कल-कल प्रखर मृदुल शीतल हो।
खुशियाँ हों जीवन में जग की,
मेरा यह आशीष अटल हो…