Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2019 · 1 min read

मुक्तक !

सत्ता का हर एक लब्ज़ अब आवारा हो गया है
हमारे देश का हर शख़्स इसके नीचे बेचारा हो गया
/
कोई पानी को तरसता है, कोई अदानी को खिलाता है
जनता कि असली मांगे किसी की वाणी को तरसता है !
***
29-04-2019
… सिद्धार्थ…

Language: Hindi
3 Likes · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“श्री गणेश”
“श्री गणेश”
Neeraj kumar Soni
भस्म लगाई जिस्म पर,
भस्म लगाई जिस्म पर,
sushil sarna
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
Neelofar Khan
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
" हिन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*प्रणय प्रभात*
घमंड
घमंड
Ranjeet kumar patre
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
TAMANNA BILASPURI
हाथों में हाथ लेकर मिलिए ज़रा
हाथों में हाथ लेकर मिलिए ज़रा
हिमांशु Kulshrestha
चिंतन करत मन भाग्य का
चिंतन करत मन भाग्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
Phool gufran
आतिश पसन्द लोग
आतिश पसन्द लोग
Shivkumar Bilagrami
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
ओसमणी साहू 'ओश'
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
3803.💐 *पूर्णिका* 💐
3803.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
Ravikesh Jha
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
VINOD CHAUHAN
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...