मुक्तक
भाषण में नेता तो अपना बहुत सगा सा लगता है,
सत्ता में आते ही धोखा और दगा सा लगता है,
रंग बदलता रूप बदलता आए दिन वह रोल बदलता
इनकी करतूतों से मुझको देश ठगा सा लगता है
भाषण में नेता तो अपना बहुत सगा सा लगता है,
सत्ता में आते ही धोखा और दगा सा लगता है,
रंग बदलता रूप बदलता आए दिन वह रोल बदलता
इनकी करतूतों से मुझको देश ठगा सा लगता है