मुक्तक
” मेरा जीवन सदा है वतन के लिये,
हाथ उठते धरा के नमन के लिये
सरजमीं यह मेरी भूमि है प्यार की
है मचलता तिरंगा गगन के लिये “
” मेरा जीवन सदा है वतन के लिये,
हाथ उठते धरा के नमन के लिये
सरजमीं यह मेरी भूमि है प्यार की
है मचलता तिरंगा गगन के लिये “