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9 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक !

तुम मुझे इतनी हैरत से न देखो,
मत सोचो कि औरत हूँ,
इतनी आग कहाँ से लाती हूँ ?
कि चुप्पी टूटी तो सैलाब आएगा,
देखना एक नया इंकलाब आएगा !
।।सिद्धार्थ।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 362 Views
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