मुक्तक
तेरे बगैर जिन्दगी अधूरी सी लगती है!
तेरे बगैर मंजिल से दूरी सी लगती है!
धीरे धीरे सिसक रहीं हैं यादें भी कबसे,
मुझको मेरी मयकशी जरूरी सी लगती है!
#महादेव_की_कविताऐं’
तेरे बगैर जिन्दगी अधूरी सी लगती है!
तेरे बगैर मंजिल से दूरी सी लगती है!
धीरे धीरे सिसक रहीं हैं यादें भी कबसे,
मुझको मेरी मयकशी जरूरी सी लगती है!
#महादेव_की_कविताऐं’