मुक्तक यह तो कोई बात नहीं
मैं बोलूं और तुम सुन लो ,यह तो कोई बात नहीं।
मैं मौन रहूँ अरु तुम सुन लो ,इससे बड़ कर बात नहीं।
ये आंख मिले तुमसे मिलकर,नूतन इसमें क्या ?
तुम दिखो नही नैना मिल ले ,इससे विलक्षण बात नहीं।
कलम घिसाई
मैं बोलूं और तुम सुन लो ,यह तो कोई बात नहीं।
मैं मौन रहूँ अरु तुम सुन लो ,इससे बड़ कर बात नहीं।
ये आंख मिले तुमसे मिलकर,नूतन इसमें क्या ?
तुम दिखो नही नैना मिल ले ,इससे विलक्षण बात नहीं।
कलम घिसाई