“मुक्तक”– पढ़-लिखकर भी….
“मुक्तक”– पढ़-लिखकर भी….
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पढ़ – लिखकर भी कितने बेरोजगार यहाॅं ,
आज की शिक्षा-व्यवस्था में चमत्कार कहाॅं।
आज बेरोजगार दर – दर भटक रहे हैं ,
पर सरकारों को इन सभी की चिंता कहाॅं ।
_ स्वरचित एवं मौलिक ।
© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १२/०६/२०२१.
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