मुक्तक जिंदगी
*****मुक्तक (जिंदगी) *******
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1
वक्त के थपेड़ों ने मुझे बताया है
जिन्दगी नहीं आसान ये सुझाया है
सिर पर आए सफेद बाल ये कहते
प्रेम से प्रेम ही मिलता सीखाया है
2
ठोकरें खा कर ही राहें सदा मिलती
बाहें बढ़ाने से बाहें सदा मिलती
मुश्किलातों में जो इंसां काम आए
समान ईश्वर उसे कद्र सदा मिलती
3
किसी बात का रोना यूँ क्यों रोते हो
घोड़े बेच गहरी नींद क्यों सोते हो
संघर्ष से आगे है जीत का जीवन
बेतुकी बातों पर क्यों मुस्कुराते हो
4
हर वाक्या से सदा सीखते ही जाओ
हर हार को जीतों में बदलते जाओ
हाथ मलने का है कोई नहीं मकसद
सुखविंद्र इशारे झट से परख जाओ
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)