मुक्तक अध्यात्म रस
?? भोर वंदन??
(एक मुक्तक मात्रिक छन्द )
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कंचन खरा निकष पर होता, चार जांच कर लेने पर।
काया भी परखी जाती है ,पांच आग तप लेने पर।
पर इस मन को परखे कैसे, कौन कसौटी पर राधे।
तन मन धन के सब खोट मिटे,राधे को जप लेने पर।
कलम घिसाई