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12 Feb 2019 · 1 min read

मुकाम जिन्दगी के

कांटो पर चलने वाले
मुकाम पा जाते हैं
मखमल पर चलने वाले
अक्सर भटक जाते है

महलों की चमक
इरादों से भटका देती है
झोपड़ी वाले
महान हो जाते हैं

आग घर की
रोटी बनाती है
भड़क जाऐ तो
शीला बन जाती है

दिल से चाहे तो
अपने है
नफरत आँखो से
गिरा देती है

लौ से करो
मोहब्बत इतनी
रोशन करें
जिन्दगी सब की

अगर बन गयी
शौला वो तो
तबाह करेगी
ज़िन्दगियाँ सब की

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल

Language: Hindi
378 Views
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