मुकरिया__ चाय आसाम वाली
प्रातः उठने और जगने के बीच
अलसाई सी, कुछ तो बात है
उसे होठों से लगाते ही
नींद की खुमारी
भाग जाती, ना मिले तो
बड़ा तड़पाती
मित्र! कौन है वो प्रिया, हसरतों वाली
नहीं मित्र, वो तो है
चाय ……. आसाम वाली!
__मनु वाशिष्ठ
चित्र साभार_गूगल