मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
तेरे जैसा बना नहीं अब तक ख़ुदा के ख़ज़ाने में।
मैं तुझको ढूंढ़ता फिरता था लेकिन जब पता चला ,
बनाया है मेरे महबूब को अकेले ही आशियाने में।।
Phool gufran
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
तेरे जैसा बना नहीं अब तक ख़ुदा के ख़ज़ाने में।
मैं तुझको ढूंढ़ता फिरता था लेकिन जब पता चला ,
बनाया है मेरे महबूब को अकेले ही आशियाने में।।
Phool gufran