मुंशी प्रेमचंद
उपन्यासकार कहानीकार मुंशी प्रेमचंद
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करूँ शत शत नमन मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
माता आनंदी की कोख से जन्म पाया
मुंशी अजायबराय था पिता का साया
कायस्थ वंशी चिराग मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
वाराणसी का लमही गाँव चमका दिया
अठारह सौ अस्सी में जहाँ जन्म लिया
धनपत राय से बने मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
उपन्यासकार उपन्यासों का राजा बना
गोदान, रंगभूमि ,कर्मभूमि,गबन था रचा
निर्मला,प्रतिज्ञा रचयेता मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
कहानीकार अब तक ना उन जैसा हुआ
तीन सौ से अधिक कहानियों को लिखा
महान थे जो विचारक मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
समाजसुधार,स्वाधीन,प्रगतिवादी चित्रण
दहेज,जाति-भेद,छूआछूत पर था मंत्रण
सामयिक थे रचनाकार मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
दौर की समस्याओं का अध्ययन किया
शब्दों का रूप दे प्रत्यक्ष उजागर किया
आदर्शोन्मुख , यथार्थवादी प्रेमचन्द को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
वो कालखंड मुंशी प्रेमचंद युग कहलाया
लेखन के बल पर गद्य में लोहा मनवाया
समाज के थे सुधारक मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
सुखविंद्र सन उन्नीस सौ छत्तीस था भारी
खो दिया साहित्यिक हीरा नुकसान भारी
सच्चे सुच्चे कलमकार मुंशी प्रेमचंद को
साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)