मुंशी प्रेमचंद जयंती पर मेरे श्रद्धा सुमन
वो साहित्य की शान थे,
हमारा अभिमान थे।
वो लेखनी के कलाकार थे,
उनकी समस्याओ की रचना बेशुमार थी
जिनकी कोई सुध न लेता,
लिखी उनकी सरल भाषा मे
व्यथा, करुणा, पुकार थी
धनिया, होरी, हामिद, को
दिया इन्होंने साहित्य में मान
प्रेम थे साहित्य सम्राट ,
मैं उनको देती ह्रदय से आज सम्मान
मंजु करती उनको आज बारबम्बर प्रणाम।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद