मीत आओ,साथ गाओ
गीतिका
छंद – सुगति छंद (मात्रिक )
मापनी – 2122
समांत – आओ
गीतिका :-
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मीत आओ।
साथ गाओ।।
भोर निकला,
जाग जाओ।
बन उजाला,
खुद दिखाओ।
कुछ सुऩो ऐ
कुछ सुनाओ।
एक मीठी,
धुन बजाओ।
प्यार देकर,
प्यार पाओ।
सब गिँले अब,
भूल जाओ।
अटल मुरादाबादी