Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2024 · 1 min read

मिसाल रेशमा

जीवन के सिर्फ 17 वसन्त देख पाई थी रेशमा। तभी एसिड अटैक का शिकार हो गई, फिर शुरू हुआ जिन्दगी और मौत का संघर्ष। एसिड अटैक के पश्चात हाड़-मांस का शरीर जलने के बाद दर्द की इन्तहा हो गई। मांस गलकर गिरने लगा था, आँखें चिपकी हुई थीं। इतनी खराब स्थिति कि देखने वाले घबराकर चीख उठते।

ताज्जुब यह कि रेशमा का अन्तर्मन इस दर्द को सह रहा था। दर्द इतना कि इंसानी सोच से परे। देखकर लगता कि सच में अपार वेदना के समय कोई शक्ति हिम्मत परोसती है।

रेशमा न केवल खुद से लड़ रही थी, वरन् अस्पताल, पुलिस और व्यवस्था की बेरुखी झेल रही थी। इलाज के लिए जाते वक्त भी उन पर हमला हुआ।

रेशमा के दर्द ने सारे देखने और महसूसने वालों को हिलाकर रख दिया। मन बरबस ही सवाल पूछने लगा कि फिर क्यों इंसान अपनी जिन्दगी की छोटी सी मुश्किलों और उलझनों में हथियार डालकर मौत को गले लगा लेते हैं।

आज रेशमा कुरैशी एसिड अटैक पीड़िता नहीं, बल्कि एक सफल भारतीय मॉडल और एसिड विक्रय के विरोध में सक्रिय कार्यकर्ता है। वह ‘मेक लव नॉट स्कार्स’ नामक संस्था के माध्यम से एसिड हमलों से पीड़ित लोगों के विस्थापन के लिए कार्य भी कर रही है।

प्रेरणा के स्रोत, संघर्ष और हौसले की मिसाल रेशमा के जज्बे को लख-लख सलाम…।

मेरी प्रकाशित 34वीं कृति : ‘ककहरा’ (दलहा, भाग-5) लघुकथा संग्रह से,,,

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
सुदीर्घ एवं अप्रतिम साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 108 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
संविधान दिवस
संविधान दिवस
जय लगन कुमार हैप्पी
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
Mangilal 713
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
ruby kumari
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
कलयुग और रावण
कलयुग और रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दो गज असल जमीन
दो गज असल जमीन
RAMESH SHARMA
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद
डॉ. एकान्त नेगी
राम का चिंतन
राम का चिंतन
Shashi Mahajan
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
विवाह के वर्षगाँठ पर
विवाह के वर्षगाँठ पर
Shweta Soni
2862.*पूर्णिका*
2862.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
Satish Srijan
श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व
श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व
Sudhir srivastava
यह कौनसा मोड़ आया ?
यह कौनसा मोड़ आया ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
रिश्ते बनते रहें इतना ही बहुत हैं, सब हँसते रहें इतना ही बहु
रिश्ते बनते रहें इतना ही बहुत हैं, सब हँसते रहें इतना ही बहु
ललकार भारद्वाज
*वक़्त का एहसान*
*वक़्त का एहसान*
Pallavi Mishra
बढ़ती इच्छाएं ही फिजूल खर्च को जन्म देती है।
बढ़ती इच्छाएं ही फिजूल खर्च को जन्म देती है।
Rj Anand Prajapati
*वाल्मीकि आश्रम प्रभु आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*वाल्मीकि आश्रम प्रभु आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
"जुलमी सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
प्राण वायु
प्राण वायु
Kanchan verma
..
..
*प्रणय*
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
Loading...