मिले अपनो का खूब दुलार।
रक्षा बन्धन का त्यौहार,
आता है बर्ष में एक बार,
उमंग,हर्षोल्लास के संग,
बहन जाती भाई के द्वार,
रोचन करती बड़े प्यार से,
बाँधे कलाई पे राखी का हार,
उसके लिए करती मंगलकामना,
देती भाई को दुआएं अपार,
ख़ुशी ख़ुशी भाई भी बहन को,
देता है अनुपम सा उपहार,
चाह नहीं उपकार की भइया,
बना रहे मुझ पर तेरा प्यार,
तीज त्योहार हो जब भी,
बनाए रखना मेरा इन्तजार,
जब भी आऊँ मै मायके में,
मिले अपनों का खूब दुलार।
By:Dr Swati Gupra