” मिथिला राज्य “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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ढोल, नगाड़ा ,पीपही
नहि जानि कतैक दिन
सं हमरा लोकनि बजा रहल छी !
अलग मिथिला राज्यक
सपना कें साकार
करबाक अथक प्रयास कS रहल छी !!
कखनो ‘विधापति समारोह ‘
कखनो ‘मैथिली सम्मलेन’ सेहो केलहुं !
धोती ,पाग,दोपटा इत्यादि
पहिर सौंसे भारत मे अलख जगेलहूँ !!
सबतरि राज्य मे
मैथिल संगठन बनि गेल !
तथापि हमर सपना
सपने रहि गेल !!
अखनो धरि भाषाक द्वन्द
नहि थमल अछि !
नेतृत्वक आभाव मे
अखनो धरि रुकल अछि !!
जखन ‘प्रस्तावित मिथिला राज्य ” मे
सबकें आहां आनय चाहेत छी !
तखन भाषाक लकें
कप्पड़ फुड़बल किया करैत छी ??
भाषाक रूप ,वेष- भूषाक धारण
ठामे-ठामे बदलबे करत !
एहिना जे काज करब
केना ‘मिथिला राज्य’ बनत ??
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका